निबंध क्या है ?
निबंध शब्द नि + बन्ध से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है भली-भांति
बंधी हुई परिमार्जित प्रौढ़ रचना | इसे अंग्रेजी में Essay ( ऐसे) कहा जाता है, जिसका अर्थ है- प्रयत्न ,प्रयोग या
परीक्षण |
बाबू गुलाबराय के अनुसार “ निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं, जिसमें एक
सीमित आकर के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन, स्वच्छंदता,
सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और सम्बध्दता के साथ किया गया हो”
सरल शब्दों में निबंध वह गद्य रचना है जो निर्धारित seeसीमा
के भीतर किसी विषय वस्तु का मौलिकता एवं स्वच्छंदता के साथ प्रतिपादन किया जाता है
|
निबन्ध लेखन और विद्यार्थी
अधिकांश बच्चे निबंध लेखन के महत्त्व को नहीं समझते, न ही निबंध लेखन की कला
से परिचित होते हैं | वे निबन्ध का नाम सुनते ही हाथ उठा देते हैं | वे यह मान बैठे हैं कि निबन्ध लेखन हमारे वश
का नहीं है | शायद इसीलिए वे इसकी ओर
ध्यान भी नहीं देते | परीक्षा में बिना
किसी तैयारी के कुछ भी लिख देते हैं| परिणाम स्वरूप उन्हें इसमें कम अंक प्राप्त
होता है और उन्हें पक्का विश्वास हो जाता है कि हम निबन्ध नहीं लिख सकते |
वर्तमान शिक्षा प्रणाली में स्कूली परीक्षा हो या प्रतियोगी
परीक्षा निबंध, प्रश्न-पत्र का एक अनिवार्य
अंग होता है | इसे लिखना जितना कठिन होता है, उतना ही यह सरल भी होता है| यदि विषय
वस्तु की जानकारी है तो सरल , यदि नहीं है तो कठिन | कभी – कभी सरल विषय पर भी
निबंध लिखना कठिन हो जाता है |
निबन्ध की तैयारी कैसे करें –
विद्यार्थियों की एक समस्या और होती है कि ढेर सारे निबंधों
में से परीक्षा के लिए कौन सा निबंध तैयार करें और कैसे करें? इसका समाधान है कि सामान्यतः
परीक्षा में मुख्यतः दो प्रकार के निबंध पूछे ही जाते हैं – पहला समसायिक और दूसरा
समस्या प्रधान | इसके अतिरिक्त विद्यार्थी ,विद्यालय एवं खेल आदि से जुड़े विषयों
पर निबंध लिखने को आता ही है |
निबन्ध की तैयारी करना सरल है बशर्ते हम समसायिक घटनाओं एवं
सूचनाओं से हम जुड़े रहें | समाचार पत्र ,सामान्य ज्ञान एवं सहगामी पाठ्यपुस्तकों
का अध्ययन करते रहें | छोटे और सरल विषयों से लिखने का अभ्यास करें | इससे मन में बैठा डर दूर होगा | धीरे-धीरे निबन्ध
लिखने में सिध्दस्त हो जाएँगे |
निबन्ध लिखने के पूर्व क्या करें –
1. विषय का चुनाव – प्रश्न पत्र में आए ऐसे विषय का चयन करे जिसे आप आसानी से लिख सकते हैं और उसके विषय में आप जानकारी रखते हैं तथा उसकी रूपरेखा अच्छी तरह बना सकते हैं |
2. रूप रेखा बनाना – विषय चयन करने के बाद उसकी रूपरेखा तैयार करें | रूप रेखा तैयार करते समय बिन्दुओं के क्रम का ध्यान रखें | रूपरेखा बना लेने से निबंध लिखना आसन हो जाता है | मस्तिष्क में दबाव नहीं रहता |
3. स्पष्ट एवं सुवाच्य लेखन पर ध्यान – वाक्य स्पष्ट हों , सरल हों, सुवाच्य हों |
4. उध्दरण एवं कविता आदि का प्रयोग – आवश्यकतानुसार अपने विषयवस्तु की पुष्टि के लिए उध्दरण ( कोटेशन , स्लोगन ) कविता, उदाहरण आदि का प्रयोग करें | इनका प्रयोग सावधानी पूर्वक करें |
5. अंतिम में लिखें – निबंध लिखने में समय भी लगता है साथ ही विशेष एकाग्रता की आवश्यकता होती है, अतः सभी प्रश्नों को हल करने के बाद चिंता मुक्त होकर सबसे अंतिम में निबन्ध लिखें |
6. शब्द सीमा का ध्यान – निबन्ध लिखते समय शब्द सीमा का उल्लघन न करें | शब्द सीमा में ही निबंध लिखें |
निबंध के भाग –
निबंध के मुख्य तीन भाग होते हैं –
1. प्रस्तावना या भूमिका – इसके अंतर्गत विषय में प्रवेश किया जाता है | यह रोचक, सारगर्भित एवं सक्षिप्त होता है |
2. विषय-विस्तार – इसके अंतर्गत विषय से सम्बंधित सभी पहलू शामिल होते है | लेखक अपने भावों को एक क्रम में प्रभावी शैली का प्रयोग करते हुए अपने विचारों को प्रस्तुत करता है | विषय के कथ्य को इस भाग में विस्तृत रूप से उल्लेख किया जाता है |
3. उपसंहार या निष्कर्ष – यह निबंध का अंतिम किन्तु महत्वपूर्ण भाग है | इस भाग को समाहार भाग भी कहते हैं | इसमें प्रस्तावना में जो कथ्य संकेत देते हैं वह और विषय विस्तार में जिस बात को पुष्ट किया जाता है , इन दोनों का सार रूप संक्षेप में लिखते हैं | अंतिम में रोचक एवं सारगर्भित उध्दरण, ( कोटेशन , स्लोगन ) कविता आदि का प्रयोग कर निबन्ध लेखन समाप्त करते हैं |
निबन्ध एवं उसकी रूपरेखा
विज्ञान : वरदान या अभिशाप
1. प्रस्तावना
2. विज्ञान वरदान के रूप में
i.
शिक्षा एवं मनोरंजन के क्षेत्र में
ii.
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में
iii.
कृषि के क्षेत्र में
iv.
उद्योग के क्षेत्र में
v.
आवागमन के क्षेत्र में
vi.
संचार के क्षेत्र में
3. विज्ञान अभिशाप के रूप में –
4. उपसंहार
वृक्षारोपण
1. प्रस्तावना
2. वृक्षारोपण की प्राचीन सांस्कृतिक परम्परा
3. वृक्षारोपण की
आवश्यकता
4. वृक्षारोपण एवं मानव जीवन
5. वृक्षों से लाभ
6. वन महोत्सव
7. उपसंहार
साहित्य और समाज
1. प्रस्तावना
2. साहित्य का स्वरूप
3. समाज का स्वरूप
4. साहित्य और समाज का संबन्ध
5. साहित्य का समाज पर प्रभाव
6. साहित्य समाज का दर्पण
7. साहित्य और समाज का उन्नयन
8. उपसंहार
जल ही जीवन है या बिन पानी सब सून
1. प्रस्तावना
2. जल का महत्व
3. जल के स्त्रोत
4. जल के उपयोग
5. जल की उपलब्धता की स्थिति
6. जल संकट
7. जल सरक्षण के उपाय
8. उपसंहार
समाचार – पत्रों की उपयोगिता या समाचार-पत्र
1. प्रस्तावना
2. समाचार–पत्रों की उपयोगिता एवं महत्व
3. समाचार - पत्रों की विभिन्न क्षेत्रों में भूमिका
4. समाचार –पत्रों की व्यापकता
5. समाचार- पत्रों से लाभ
6. समाचार –पत्रों के दुरूपयोग से हानियाँ
7. उपसंहार
भारतीय समाज में नारी का स्थान या आधुनिक भारत में नारी
1. प्रस्तावना
2. भारतीय समाज में नारी का स्थान
·
वैदिक काल में
·
मध्य युग में
·
आधुनिक युग में
3. उपसंहार
जीवन में खेलों का महत्व
1. प्रस्तावना
2. खेलों के प्रकार
3. खेलों का महत्व
4 खेलों से लाभ
6. उपसंहार
पर्यावरण प्रदूषण
1. प्रस्तावना
2. पर्यावरण प्रदूषण से तात्पर्य
3. पर्यावरण प्रदूषण के कारण
4. पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार
·
वायु प्रदूषण
·
जल प्रदूषण
·
ध्वनि प्रदूषण
·
रेडियो धर्मी प्रदूषण
·
रासायनिक प्रदूषण
·
वैचारिक प्रदूषण
5. प्रदूषण निवारण या रोकथाम के उपाय
6. उपसंहार
कम्प्यूटर शिक्षा का महत्व
1.प्रस्तावना
2. कम्प्यूटर क्या है ?
3. कम्प्यूटर का आविष्कार एवं इतिहास
4. कम्प्यूटर के विविध उपयोग
·
शिक्षा के क्षेत्र में
·
चिकित्सा के क्षेत्र में
·
विज्ञान के क्षेत्र में
·
उद्योग के क्षेत्र में
·
सूचना एवं संचार और परिवहन के क्षेत्र में
·
बैंकिंग क्षेत्र में
·
शासकीय कार्य एवं प्रशासन के क्षेत्र में
·
व्यवहारिक जीवन में
·
उपसंहार
पुस्तकालय या पुस्तकालय का महत्व
1. प्रस्तावना
2. पुस्तकालय का अर्थ
3. पुस्तकालय के
विविध प्रकार
4. पुस्तकालय विस्तार की आवश्यकता
5. पुस्तकालय का महत्व
6. पुस्तकालय से लाभ
7. उपसंहार
इंटरनेट या इंटरनेट का महत्त्व
1. प्रस्तावना
2. इंटरनेट क्या है
3. इंटरनेट का इतिहास
4. इंटरनेट का विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग
5. इंटरनेट से लाभ
6. इंटरनेट के दुरूपयोग से होने वाली हानियाँ एवं उससे बचने
के उपाय
7. उपसहार
राष्ट्रीय पर्व – स्वतंत्रता दिवस
1. प्रस्तावना
2. राष्ट्रीय पर्व से आशय एवं मुख्य राष्ट्रीय पर्वों के
नाम
3. स्वतंत्रता आन्दोलन का परिचय
4. स्वतंत्रता दिवस मनाने के उद्देश्य
5. स्वतंत्रता दिवस आयोजन की तैयारियां
6. मुख्य समारोह – परेड का दिल्ली में आयोजन का वर्णन
7. उपसंहार
राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता अथवा भारत की राष्ट्रीय एकता
1. प्रस्तावना
2. राष्ट्रीय एकता से आशय
3.राष्ट्रीय एकता के बाधक तत्व
· जातिवाद
· भाषावाद
· प्रांतवाद
· संप्रदायवाद
· संकीर्ण राजनीतिक मनोवृत्ति
4. राष्ट्रीय एकता बनाए रखने के उपाय
5. अनेकता में एकता राष्ट्र की विशेषता
6. उपसंहार
विद्यार्थी और अनुशासन
1. प्रस्तावना
2. अनुशासन का अर्थ एवं आवश्यकता
3. अनुशासन का महत्व
4. अनुशासन के प्रकार
5. विद्यार्थी और अनुशासन
6. उपसंहार
Sir nibandh to pura hai hi nahi sirf rup rekha hi hai
जवाब देंहटाएंआप रूपरेखा की सहायता से निबन्ध लिखने का अभ्यास करें।......
हटाएंकुछ दिनों में निबंध भी पोस्ट करूँगा।
Sir please toda jaldi karna ji
हटाएंसर, कृपया पूरा निबन्ध पोस्ट करिये ।
जवाब देंहटाएंहिन्दी में निबंध लेखन के पर्याय रूप में सन्दर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। लेकिन साहित्यिक आलोचना में सर्वाधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है। इसे अंग्रेजी के "कम्पोज़ीशन" और "एस्से" के अर्थ में ग्रहण किया जाता है।
जवाब देंहटाएंसर कृपया पूरा निबन्ध पोस्ट करो
जवाब देंहटाएंHello
जवाब देंहटाएं