गद्य का विकास क्रम
प्रश्न :- 1. हिन्दी गद्य साहित्य की प्रमुख विधाएँ कौन सी हैं ?
उत्तर :- हिन्दी गद्य साहित्य की प्रमुख विधाएँ -
1. नाटक
2. कहानी
3. निबन्ध
4. उपन्यास
5. एकांकी
6. आलोचना
प्रश्न 2 :- हिन्दी गद्य साहित्य की गौड़ विधाओं का नाम लिखिए ?
उत्तर :- हिन्दी गद्य साहित्य की गौड़ विधाएँ -
1. संस्मरण
2. आत्मकथा
3. जीवनी
4. यात्रा- वृतांत
5. रेखाचित्र
6. लघुकथा
7. रिपोर्ताज
8. साक्षात्कार
9. पत्र साहित्य
10. गद्यकाव्य
प्रश्न 3 :- भारतेंदु युगीन किन्ही चार नाटककारों के नाम तथा उनकी रचनाएँ लिखिए ?
उत्तर :- भारतेंदु युगीन चार नाटककारों के नाम तथा उनकी रचनाएँ :-
1. भारतेंदु हरिश्चन्द्र - प्रेम योगिनी
2. लाल श्रीनिवास दास - संयोगिता स्वयंबर
3. प्रतापनारायण मिश्र - भारत दुर्दशा
4. बालकृष्ण भट्ट - जैसा काम वैसा परिणाम
प्रश्न 4 -नाटक के विकास क्रम के के नाम लिखिए तथा प्रत्येक युग के चार प्रसिध्द नाटककारों के नाम लिखिए ।
उत्तर :- नाटक के विकास क्रम के के नाम तथा प्रत्येक युग के चार प्रसिध्द नाटककारों के नाम -
1. भारतेंदु युगीन नाटक - ( 1850 से 1900 ई. )
भारतेंदु हरिश्चन्द्र ,लाल श्रीनिवास दास, प्रतापनारायण मिश्र ,बालकृष्ण भट्ट
2. द्विवेदी युगीन नाटक - ( 1900 से 1920 ई. )
किशोरीलाल गोस्वामी, अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' , शिवनंदन सहाय, रायदेवी प्रसाद पूर्ण
3. प्रसाद युगीन नाटक - ( 1921 से 1916 ई. )
जयशंकर प्रसाद , हरिकृष्ण प्रेमी, सेठगोविंद दास, लक्ष्मीनारायण मिश्र
4. प्रसादोत्तर युगीन नाटक - ( 1937 से अब तक )
जगदीशचंद्र माथुर, उपेन्द्रनाथ 'अश्क', धर्मवीर भारती, मोहन राकेश
प्रश्न 5 :- हिंदी साहित्य में नाटकों का सम्राट किसे कहा गया है ? उनके द्वारा लिखे किन्ही चार नाटकों के नाम लिखिए ।
उत्तर :- हिंदी साहित्य में नाटकों का सम्राट जयशंकर प्रसाद को कहा गया है । प्रसाद जी द्वारा रचित नाटकों के नाम निम्नलिखित हैं -
1. चंद्रगुप्त
2. स्कन्दगुप्त
3. ध्रुवस्वामिनी
4. करुणालय
प्रश्न 6 :- एकांकी किसे कहते हैं ? हिंदी के चार एकांकीकारों के नाम तथा उनकी रचनाएँ लिखिए ।
उत्तर :- डॉ. रामकुमार वर्मा के अनुसार " एकांकी में एक ही घटना होती है, वह नाटकीय कौशल से कौतूहल का संचार करते हुए चार्म सीमा तक पहुँचती है । उसमें कोई गौड़ प्रसंग नहीं रहता है । पात्र सीमित होते है। कथा-वास्ते भी स्पष्ट और कौतूहल से युक्त रहती है, इसमें विस्तार के लिए अवकाश नहीं होता ।"
एकांकीकारों के नाम तथा उनकी रचनाएँ -
1. जयशंकर प्रसाद - एक घूँट,
2. डॉ. रामकुमार वर्मा - बादल की मृत्यु , दीपदान
3. उपेन्द्रनाथ अश्क - चरवाहे , सूखी डाली
4. जगदीशचंद्र माथुर - भोर का तारा , खंडहर
प्रश्न 7 :- एकांकी के कितने तत्व होते है ? उनके नाम लिखिए ।
उत्तर :- एकांकी के सात तत्व होते हैं , जो निम्नांकित हैं -
1. कथा -वस्तु ( कथानक )
2. पात्र एवं चरित्र चित्रण
3. संवाद या कथोपकथन
4. देशकाल एवं वातावरण
5. भाषा- शैली
6. उद्देश्य
7. रंगमंचीयता एवं अभिनेयता
प्रश्न 8 :- एकांकी विधा की चार विशेषताएँ लिखिए ?
उत्तर :- एकांकी विधा की चार विशेषताएँ-
1. एकांकी में एक कथावस्तु होती है , जो संक्षिप्त होती है ।
2. इसमें पात्र सीमित होते है।
3. एकांकी का एक विशिष्ट उद्देश्य होता है ।
4. एकांकी में कोई गौड़ प्रसग नहीं होता ।
प्रश्न 9 :- नाटक और एकांकी में क्या अंतर है ? कोई चार अंतर लिखिए ।
उत्तर :- नाटक और एकांकी में अंतर है-
1. नाटक में मुख्य कथा-वस्तु के साथ-साथ गौड़ प्रसंग का भी समावेश होता है , जो बृहद होता है , जबकि एकांकी में एक कथा वस्तु होती है,जो सक्षिप्त होती है , इसमें कोई गौड़ प्रसंग नहीं होता ।
2. नाटक में अनेक अंक और अनेक पात्र होते हैं , जबकि एकांकी में एक अंक और पात्रों की संख्या सीमित होती है ।
3. नाटक में एक से अधिक चरित्र होते हैं ,जिनका विकास क्रमशः प्रकट किया जाता है , जबकि एकांकी में एक चरित्र होता है , जो तत्काल प्रकट हो जाता है ।
4. नाटक में कथा-वस्तु की विकास प्रक्रिया की गति मंद होती है , यह धीरे-धीरे आगे बढ़ता है, जबकि एकांकी में कथानक प्रारभ से ही चरम लक्ष्य की और तीव्र गति से अग्रसर होता है ।
उत्तर :- भारतेंदु युगीन चार नाटककारों के नाम तथा उनकी रचनाएँ :-
1. भारतेंदु हरिश्चन्द्र - प्रेम योगिनी
2. लाल श्रीनिवास दास - संयोगिता स्वयंबर
3. प्रतापनारायण मिश्र - भारत दुर्दशा
4. बालकृष्ण भट्ट - जैसा काम वैसा परिणाम
प्रश्न 4 -नाटक के विकास क्रम के के नाम लिखिए तथा प्रत्येक युग के चार प्रसिध्द नाटककारों के नाम लिखिए ।
उत्तर :- नाटक के विकास क्रम के के नाम तथा प्रत्येक युग के चार प्रसिध्द नाटककारों के नाम -
1. भारतेंदु युगीन नाटक - ( 1850 से 1900 ई. )
भारतेंदु हरिश्चन्द्र ,लाल श्रीनिवास दास, प्रतापनारायण मिश्र ,बालकृष्ण भट्ट
2. द्विवेदी युगीन नाटक - ( 1900 से 1920 ई. )
किशोरीलाल गोस्वामी, अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' , शिवनंदन सहाय, रायदेवी प्रसाद पूर्ण
3. प्रसाद युगीन नाटक - ( 1921 से 1916 ई. )
जयशंकर प्रसाद , हरिकृष्ण प्रेमी, सेठगोविंद दास, लक्ष्मीनारायण मिश्र
4. प्रसादोत्तर युगीन नाटक - ( 1937 से अब तक )
जगदीशचंद्र माथुर, उपेन्द्रनाथ 'अश्क', धर्मवीर भारती, मोहन राकेश
प्रश्न 5 :- हिंदी साहित्य में नाटकों का सम्राट किसे कहा गया है ? उनके द्वारा लिखे किन्ही चार नाटकों के नाम लिखिए ।
उत्तर :- हिंदी साहित्य में नाटकों का सम्राट जयशंकर प्रसाद को कहा गया है । प्रसाद जी द्वारा रचित नाटकों के नाम निम्नलिखित हैं -
1. चंद्रगुप्त
2. स्कन्दगुप्त
3. ध्रुवस्वामिनी
4. करुणालय
प्रश्न 6 :- एकांकी किसे कहते हैं ? हिंदी के चार एकांकीकारों के नाम तथा उनकी रचनाएँ लिखिए ।
उत्तर :- डॉ. रामकुमार वर्मा के अनुसार " एकांकी में एक ही घटना होती है, वह नाटकीय कौशल से कौतूहल का संचार करते हुए चार्म सीमा तक पहुँचती है । उसमें कोई गौड़ प्रसंग नहीं रहता है । पात्र सीमित होते है। कथा-वास्ते भी स्पष्ट और कौतूहल से युक्त रहती है, इसमें विस्तार के लिए अवकाश नहीं होता ।"
एकांकीकारों के नाम तथा उनकी रचनाएँ -
1. जयशंकर प्रसाद - एक घूँट,
2. डॉ. रामकुमार वर्मा - बादल की मृत्यु , दीपदान
3. उपेन्द्रनाथ अश्क - चरवाहे , सूखी डाली
4. जगदीशचंद्र माथुर - भोर का तारा , खंडहर
प्रश्न 7 :- एकांकी के कितने तत्व होते है ? उनके नाम लिखिए ।
उत्तर :- एकांकी के सात तत्व होते हैं , जो निम्नांकित हैं -
1. कथा -वस्तु ( कथानक )
2. पात्र एवं चरित्र चित्रण
3. संवाद या कथोपकथन
4. देशकाल एवं वातावरण
5. भाषा- शैली
6. उद्देश्य
7. रंगमंचीयता एवं अभिनेयता
प्रश्न 8 :- एकांकी विधा की चार विशेषताएँ लिखिए ?
उत्तर :- एकांकी विधा की चार विशेषताएँ-
1. एकांकी में एक कथावस्तु होती है , जो संक्षिप्त होती है ।
2. इसमें पात्र सीमित होते है।
3. एकांकी का एक विशिष्ट उद्देश्य होता है ।
4. एकांकी में कोई गौड़ प्रसग नहीं होता ।
प्रश्न 9 :- नाटक और एकांकी में क्या अंतर है ? कोई चार अंतर लिखिए ।
उत्तर :- नाटक और एकांकी में अंतर है-
1. नाटक में मुख्य कथा-वस्तु के साथ-साथ गौड़ प्रसंग का भी समावेश होता है , जो बृहद होता है , जबकि एकांकी में एक कथा वस्तु होती है,जो सक्षिप्त होती है , इसमें कोई गौड़ प्रसंग नहीं होता ।
2. नाटक में अनेक अंक और अनेक पात्र होते हैं , जबकि एकांकी में एक अंक और पात्रों की संख्या सीमित होती है ।
3. नाटक में एक से अधिक चरित्र होते हैं ,जिनका विकास क्रमशः प्रकट किया जाता है , जबकि एकांकी में एक चरित्र होता है , जो तत्काल प्रकट हो जाता है ।
4. नाटक में कथा-वस्तु की विकास प्रक्रिया की गति मंद होती है , यह धीरे-धीरे आगे बढ़ता है, जबकि एकांकी में कथानक प्रारभ से ही चरम लक्ष्य की और तीव्र गति से अग्रसर होता है ।
प्रश्न 10. निबंध शब्द का अर्थ बताते हुए बाबूगुलाबराय के
अनुसार निबंध की परिभाषा लिखिए ? (२०१४)
उत्तर- 'निबन्ध' शब्द नि+बन्ध से बना है, जिसका अर्थ है अच्छी तरह बँधी हुई परिमाजिर्त प्रौढ़ रचना । निबन्ध को अँगेजी में 'ऐसे' (ESSAY) कहा जाता है, यहाँ इसका अर्थ प्रयत्न, प्रयोग या परीक्षण लिया गया है । अतः किसी विषय का भली-भाँति प्रतिपादन करना या परीक्षण करना, निबन्ध कहा जाता है।
बाबूगुलाबराय के अनुसार " निबन्ध उस गद्य रचना को कहते हैं, जिसमें एक सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन ,स्वच्छन्दता, सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और संबध्दता के साथ किया गया हो।"
प्रश्न 12. . रिपोर्ताज किसे कहते हैं ? कोई दो रिपोर्ताज लेखकों के नाम लिखिए | (२०१६)
उत्तर- रिपोर्ताज गद्य की नई विधा है । रिपोर्ताज मूल रूप से फ्रेंच का शब्द है , इसका अभिप्राय है - रोचक और भावात्मक चित्रण । हाल में घटी घटना तथा लेखक द्वारा प्रत्यक्ष देखी गई घटनाओं का अंतरंग अनुभव के साथ किया गया वर्णन , रिपोर्ताज है । रिपोर्ताज में कथात्मक सरसता और रोचकता का पुट होता है ।
रिपोर्ताज लेखक एवं उनकी रचना -
1. रांगेय राघव - तूफानों के बीच
2. धर्मवीर भारती - युध्द -यात्रा
प्रश्न 17. प्रेमचंद जी की किन्ही चार कहानियों के नाम लिखो |
बाबूगुलाबराय के अनुसार " निबन्ध उस गद्य रचना को कहते हैं, जिसमें एक सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन ,स्वच्छन्दता, सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और संबध्दता के साथ किया गया हो।"
प्रश्न 11. आत्मकथा और जीवनी में दो अंतर लिखते हुए एक-एक
रचना तथा रचनाकारों के नाम लिखिए। (२०१५)
उत्तर- आत्मकथा और जीवनी में अंतर तथा एक-एक रचना तथा रचनाकारों के नाम-
आत्मकथा
|
जीवनी
|
1. आत्मकथा में
लेखक अपने जीवन वृत्त को स्वयं लिखता है |
|
1. जीवनी में लेखक
किसी दूसरे के जीवन वृत्त
को लिखता है |
|
2. आत्मकथा में
अनुभूति की गहराई पाई जाती है |
|
2. जीवनी में
विवरण और तथ्य की झलक होती है |
|
3. आत्म कथा लेखन
की शैली कथात्मक होती है |
|
3.जीवनी लेखन की
शैली वर्णनात्मक होती है |
|
आत्म कथा के लेखक – ‘जवाहर लाल नेहरू’ तथा उनकी रचना ‘मेरी कहानी’
है
|
जीवनी के लेखक – ‘अमृतलाल नागर’ उनकी रचना ‘कलम का
सिपाही’ है
|
प्रश्न 12. . रिपोर्ताज किसे कहते हैं ? कोई दो रिपोर्ताज लेखकों के नाम लिखिए | (२०१६)
उत्तर- रिपोर्ताज गद्य की नई विधा है । रिपोर्ताज मूल रूप से फ्रेंच का शब्द है , इसका अभिप्राय है - रोचक और भावात्मक चित्रण । हाल में घटी घटना तथा लेखक द्वारा प्रत्यक्ष देखी गई घटनाओं का अंतरंग अनुभव के साथ किया गया वर्णन , रिपोर्ताज है । रिपोर्ताज में कथात्मक सरसता और रोचकता का पुट होता है ।
रिपोर्ताज लेखक एवं उनकी रचना -
1. रांगेय राघव - तूफानों के बीच
2. धर्मवीर भारती - युध्द -यात्रा
प्रश्न13. कहानी और उपन्यास में चार अंतर लिखिए |
कहानी और उपन्यास में अंतर –
कहानी
|
उपन्यास
|
1. कहानी मानव
जीवन की किसी एक घटना को आधार बनाकर लिखी जाती है |
|
1. उपन्यास मानव
के सम्पूर्ण जीवन को लक्ष्य बनाकर लिखा जाता है |
|
2. कहानी का आकर
लघु होता है |
|
2.उपन्यास का
आकार दीर्घ होता है |
|
3. कहानी में कौतूहल
या जिज्ञासा अधिक होती है |
|
3.उपन्यास में
जिज्ञासा कहानी की अपेक्षाकृत कम होती
है
|
4. कहानी में
पात्रों की संख्या कम होती है |
|
4.उपन्यास में पात्रों की संख्या अधिक होती है।
|
उदाहरण –प्रेमचंद
रचित कहानी – पंचपरमेश्वर
|
उदाहरण – प्रेमचंद
रचित उपन्यास – गोदान
|
प्रश्न 14 . द्विवेदी युग के गद्य की चार विशेषताएँ लिखिए |
उत्तर- द्विवेदी युग के गद्य की चार विशेषताएँ -
1. विषय वस्तु की गभीरता - इस युग के लेखकों ने गभीर विषय वस्तु का चयन किया है ।
2. व्याकरण सम्मत भाषा तथा परिमार्जित शैली का प्रयोग ।
3. नवीन विषयों का समावेश
4. उपदेशात्मक एवं लोक-शिक्षा परक रचनाएं ।
प्रश्न 15. द्विवेदी युग के प्रमुख दो गद्य लेखकों के नाम
तथ उनकी रचनाएँ लिखिए |
उत्तर - द्विवेदी युग के प्रमुख दो गद्य लेखकों के नाम तथ उनकी रचनाएँ
लेखक
|
रचनाएं
|
महावीर प्रसाद
द्विवेदी
|
प्रतिभा, साहित्य
सन्दर्भ
|
बाबू श्यामसुन्दर दास
|
साहित्यलोचन, गद्य
कुसुमावली
|
प्रश्न 16. रेखाचित्र और संस्मरण में कोई दो अंतर लिखते हुए
एक- एक रचना और रचनाकार के नाम लिखिए |
उत्तर -रेखाचित्र और संस्मरण में कोई दो अंतर लिखते हुए एक- एक रचना और रचनाकार के नाम-
रेखाचित्र
|
संस्मरण
|
1. रेखाचित्र में
आत्मपरकता नहीं होती |
|
1. संस्मरण में
आत्मपरकता अधिक होती है|
|
2. रेखाचित्र किसी
काल का हो सकता है |
|
2. संस्मरण का
संबन्ध अतीत काल से है |
|
3. रेखाचित्र किसी
भी व्यक्ति के विषय में लिखा जा सकता है |
|
3. संस्मरण प्रायः
प्रसिध्द व्यक्ति के विषय में लिखा जाता है |
|
4. रेखाचित्र में
कल्पना का समावेश हो सकता है |
|
4. संस्मरण में
तटस्थता पूर्वक यथार्थ चित्रण होता है|
|
उदहारण- बनारसी दास चतुर्वेदी – औरंगजेब
|
महादेवी वर्मा – पथ के साथी
|
प्रश्न 17. प्रेमचंद जी की किन्ही चार कहानियों के नाम लिखो |
उत्तर- प्रेमचंद जी की किन्ही चार कहानियों के नाम-
1. पंचपरमेश्वर
2. कफ़न
3. बूढ़ी काकी
4. परीक्षा
प्रश्न 18. किन्ही चार गद्य काव्यों के रचनाकारों एवं उनकी रचना का नाम लिखिए |
उत्तर- चार गद्य काव्यों के रचनाकारों एवं उनकी रचना का नाम-
1. रायकृष्ण दास - सपना, संलाप
2. वियोगी हरि - तरंगिणी, भावना
3. आचार्य चतुरसेन- अन्तस्तल, तरलाग्नि
4. माखन लाल चतुर्वेदी - साहित्य देवता
12 class jeevni
जवाब देंहटाएंThanks sir
जवाब देंहटाएंnice very very nice😘🌷
जवाब देंहटाएं11वी कक्षा कि जिवनी ओर आत्मकथा मे अन्तर
जवाब देंहटाएंGhad kese khate hai
हटाएंधन्यवाद सर
जवाब देंहटाएंsir ji नाटक ki परिभाषा बताईये
जवाब देंहटाएंUpanyaas ka shamrat kise kaha jaata h
जवाब देंहटाएंBmmm
जवाब देंहटाएंHindi gadya ki vidhaye ki Pratham Rachna ke bare mein bataiye
जवाब देंहटाएंHindi Gad ke vidhayak ki Pratham Rachna ke bare mein bataiye
जवाब देंहटाएंनाटक और कहानी मे अंतर बताईए
जवाब देंहटाएंThank you soo much............... 💗
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएंtatkalik natko ka pramukh vishestaye
जवाब देंहटाएं