पद्य का विकास
प्रश्न 1. रीति काल को श्रंगार काल क्यों कहा जाता है ? इस
काल के दो कवियों के नाम तथा उनकी रचनाएँ
लिखिए | ( २०१५ )
उत्तर- रीति काल में श्रंगार
प्रधान कविताएँ लिखी गई हैं, इसीलिए इस काल को श्रंगार काल कहा जाता है |
इस काल के प्रमुख दो कवियों
के नाम तथा उनकी रचनाएँ-
कवि का नाम
|
रचनाएँ
|
1. केशवदास
|
कविप्रिया, रामचंद्रिका
|
2. बिहारी
|
बिहारी सतसई
|
प्रश्न 2. रीतिकाल की चार विशेषताएँ लिखिए ? ( २०१६ )
उत्तर- रीतिकाल की चार
विशेषताएँ –
1. इस काल में लक्षण ग्रंथ लिखे गए |
2. इस काल की कविता में श्रृंगार रस की प्रधानता थी |
3. इस काल में मुक्तक काव्य की रचना की गई, छंद के रूप में कवित्त,
सवैया,दोहा,कुण्डलियाँ आदि का प्रयोग किया गया |
4. इस काल में ब्रजभाषा में उत्कृष्ट कला प्रधान काव्य रचना
की गई |
प्रश्न 3. रीतिकाल के किन्ही चार कवियों के नाम तथा उनकी
रचनाएँ लिखिए ? (२०१३)
उत्तर- रीतिकाल के प्रमुख चार कवियों के नाम तथा उनकी रचनाएँ –
उत्तर- रीतिकाल के प्रमुख चार कवियों के नाम तथा उनकी रचनाएँ –
कवि का नाम
|
रचनाएँ
|
1. केशवदास
|
कविप्रिया, रसिक
प्रिया
|
2. सेनापति
|
कवित्त रत्नाकर,
काव्य- कल्पद्रुम
|
3. भूषण
|
शिवा बावनी,
छत्रसाल दशक
|
4. मतिराम
|
छन्दसार, ललित
ललाम
|
प्रश्न 4. भारतेन्दु युगीन काव्य की चार विशेषताएँ लिखिए ?
उत्तर- भारतेन्दु युगीन
काव्य की चार विशेषताएँ –
1. देश- प्रेम और राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत रचना |
2. सामाजिक चेतना का विकास – इस काल का काव्य सामाजिक चेतना
का काव्य है |
3. अंगेजी शिक्षा का विरोध – इस काल में कविता के माध्यम से
अंगेजी शिक्षा का विरोध किया गया है |
4. काव्यानुवाद की परंपरा – इस युग में अंगेजी तथा संस्कृत
साहित्य का हिन्दी भाषा में अनुवाद किया गया |
प्रश्न 5. भारतेन्दु युग के किन्ही चार कवियों के नाम तथा
उनकी रचनाएँ लिखिए ?
उत्तर – भारतेन्दु युग के चार कवियों के नाम तथा उनकी
रचनाएँ –
कवि का नाम
|
रचनाएँ
|
1. भारतेन्दु हरिश्चंद्र
|
प्रेम सरोवर ,
प्रेम फुलवारी
|
2. बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’
|
जीर्ण-जनपद,
आनन्द-अरुणोदय
|
3. प्रतापनारायण मिश्र
|
प्रेम-पुष्पावली,
मन की लहर
|
4. जगमोहन सिह
|
देवयानी,
श्यामा-सरोजनी
|
प्रश्न 6. द्विवेदी युगीन कविताओं की चार विशेषताएँ लिखिए ?
उत्तर- द्विवेदी युगीन
कविताओं की चार विशेषताएँ-
1. देशभक्ति – इस काल में देशभक्ति से
जुडी छोटी और बड़ी कविताओं की रचना की गई |
2. अन्धविश्वास और रूढ़ियों
का विरोध- इस काल की कविताओं में अंधविश्वास और रूढ़ियों का विरोध किया गया |
3. वर्णन प्रधान काव्य रचना
– इस युग की कविताए वर्णन प्रधान हैं |
4. खड़ीबोली का परिनिष्ठित
रूप – इस युग की महत्वपूर्ण विशेषता है खड़ीबोली में काव्य रचना | यह युग भाषा परिष्कार का युग था |
प्रश्न 7. द्विवेदी युग के किन्ही चार कवियों के नाम तथा
उनकी रचनाएँ लिखिए ?
उत्तर- द्विवेदी युग के किन्ही चार कवियों के नाम तथा
उनकी रचनाएँ-
कवि का नाम
|
रचनाएँ
|
1. महावीर प्रसाद
द्विवेदी
|
काव्य-मञ्जूषा,
सुमन
|
2. अयोध्यासिंह
उपाध्याय‘हरिऔध’
|
प्रिय-प्रवास (
महाकाव्य) , वैदेही वनवास
|
3. मैथिलीशरण गुप्त
|
साकेत (
महाकाव्य), पंचवटी ( खंडकाव्य)
|
4. माखनलाल चतुर्वेदी
|
हिमकिरीटनी ,
युगचरण
|
प्रश्न 8. छायावादी काव्य की चार विशेषताएँ लिखिए |(२०१५)
उत्तर- छायावादी काव्य की चार विशेषताएँ-
1. व्यक्तिवाद की प्रधानता – छायावादी रचनाओं में
व्यक्तिगत भावनाओं की प्रध्हंता है |
2. अतीन्द्रिय सूक्ष्म श्रृंगार युक्त काव्य रचना – इस युग की कविताओं में श्रृंगार का वर्णन है, किन्तु यह श्रृंगार उपभोग की वस्तु नहीं अपितु कौतुहल और विस्मय का विषय है |
3. प्रकृति का मानवीकरण – प्रकृति पर मानव व्यवहार
का आरोप इस काल की प्रमुख विशेषता है | प्रकृति को नारी या प्रेयसी के रूप में
मानकर काव्य की रचना की गई है |
4. सौन्दर्यानुभूति – इस युग की कविताओं में बाह्य
सौन्दर्य के स्थान पर सूक्ष्म आंतरिक सौन्दर्य वर्णन देखने को मिलता है |
प्रश्न 9. छायावाद के किन्ही चार कवियों के नाम तथा उनकी
रचनाएँ लिखिए |
उत्तर - छायावाद
के किन्ही चार कवियों के नाम तथा उनकी रचनाएँ-
कवि का नाम
|
रचनाएँ
|
1. जयशंकर प्रसाद
|
कामायनी (
महाकाव्य), लहर
|
2. सुमित्रानंदन पन्त
|
पल्लव, गुंजन
|
3. सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
|
परिमल, तुलसीदास
|
4. महादेवी वर्मा
|
रश्मि, नीरजा
|
प्रश्न 10.रहस्यवाद की चार विशेषताए लिखिए ?
उत्तर- रहस्यवाद की चार
विशेषताए-
1. अलौकिक सत्ता के प्रति
प्रेम – इस काल की कविताओं में अलौकिक सत्ता के प्रति जिज्ञासा एवं प्रेम का भाव दिखाई
पड़ता है |
2. परमात्मा से विरह मिलन
का भाव – इस युग की रचनाओं में आत्मा का परमात्मा से विरह व मिलन के भाव का पुट दिखाई
पड़ता है |
3. प्रतीकों का प्रयोग – कविता में भावों को व्यक्त
करने के लिए प्रतीकों का सहारा लिया गया है |
4. ईश्वरीय सत्ता के प्रति
जिज्ञासा का भाव – इस युग की कविताओं में ईश्वरीय सत्ता के प्रति जिज्ञासा के भाव पाया जाता है |
प्रश्न 11. रहस्यवाद और छायावाद में कोई तीन अंतर लिखिए तथा
प्रत्येक के दो कवियों के नाम लिखिए |
उत्तर- रहस्यवाद और छायावाद में अंतर-
रहस्यवाद
|
छायावाद
|
1. इसमें चिंतन की
प्रधानता है |
|
1. इसमें कल्पना
की प्रधानता है |
|
2. ज्ञान और बुध्दि तत्व की प्रधानता |
|
2. भावना की
प्रधानता |
|
3. इसकी प्रकृति दार्शनिक है |
|
3. यह प्रकृति
मूलक है |
|
रहस्यवाद और छायावाद के दो –दो कवियों के नाम–
रहस्यवादी कवि के नाम
|
छायावादी कवि के नाम
|
1. महादेवी वर्मा
|
1. जयशंकर प्रसाद
|
2. कबीर
|
2. निराला
|
प्रश्न 12. प्रगतिवादी काव्य की चार विशेषताएँ लिखिए |(२०१३,२०१४)
उत्तर- . प्रगतिवादी काव्य
की चार विशेषताएँ-
1. शोषकों के प्रति विद्रोह
और शोषितों के प्रति सहानुभूति – इस काल के कवियों ने किसानों एवं मजदूरों पर पूंजीपतियों
द्वारा किए जा रहे अत्याचार का विरोध किया है |
2. आर्थिक व सामाजिक
समानता पर बल – इस भाव धारा के कवियों ने आर्थिक एवं सामाजिक समानता के लिए
उच्च एवं निम्न वर्ग के अंतर को दूर करने पर बल दिया है |
3. नारी शोषण के विरुध्द मुक्ति का स्वर – इस काल की
रचनाओं में नारी शोषण के विरुध्द स्वर मुखरित हुआ है| नारी को सम्मानजनक स्थान प्रदान किया
गया है |
4. ईश्वर के प्रति अनास्था – इस काल के कवियों में ईश्वर
के प्रति अनास्था का भाव विद्यमान था |
प्रश्न 13. किन्ही चार प्रमुख प्रगतिवादी कवियों के नाम तथा
रचनाएँ लिखिए |
उत्तर- चार प्रमुख प्रगतिवादी कवियों के नाम तथा रचनाएँ-
कवियों के नाम
|
रचनाएं
|
1. नागार्जुन
|
युगधारा, सतरंगे पंखों वाली
|
2. केदारनाथ अग्रवाल
|
युग की गंगा, नींद के बादल
|
3. त्रिलोचन
|
धरती, मिट्टी की बारात
|
4. शिवमंगल सिंह सुमन
|
हिल्लोल, जीवन के गान
|
प्रश्न 14.प्रयोगवादी काव्य की चार विशेषताएँ लिखिए |
उत्तर- प्रयोगवादी काव्य की चार विशेषताएँ-
1. नवीन उपमानों का प्रयोग-
इस काल के कवियों ने
ने उपमानों का अपनी कविताओं में प्रयोग किया है |
2. प्रेम भावनाओं का खुला
चित्रण – इस भावधारा के कवियों ने प्रेम का खुला चित्रण किया है जो कहीं –कहीं अश्लीलता
का रूप ग्रहण कर लिया है |
3. बुध्दिवाद की प्रधानता –
इस युग की कविता
बुध्दिवाद के कारण दुरूह हो गई है |
4. मुक्त छंदों का प्रयोग –
इस काल के कवियों ने
मुक्तक छंद में कविताएँ लिखी हैं |
प्रश्न 15. प्रयोगवादी
काव्य की दो विशेषताएँ लिखते हुए एक रचनाकार का नाम व उनकी एक रचना का नाम लिखिए |
(२०१४)
उत्तर - प्रयोगवादी काव्य
की दो विशेषताएँ एवं रचनाकार तथा रचना का नाम –
1. नवीन उपमानों का प्रयोग- इस काल के कवियों ने ने
उपमानों का अपनी कविताओं में प्रयोग किया है |
2. प्रेम भावनाओं का खुला
चित्रण – इस भावधारा के कवियों ने प्रेम का खुला चित्रण किया है जो कहीं –कहीं अश्लीलता
का रूप ग्रहण कर लिया है |
रचनाकार
|
रचना का नाम
|
1. अज्ञेय
|
हरी घास पर छण भर
|
2. मुक्तिबोध
|
चाँद का मुँह टेढ़ा
है
|
प्रश्न 16. किन्ही चार प्रमुख प्रयोगवादी कवियों के नाम तथा
उनकी रचनाएँ लिखिए | (२०१४)
उत्तर- किन्ही चार प्रमुख प्रयोगवादी कवियों के नाम तथा
उनकी रचनाएँ-
रचनाकार
|
रचना का नाम
|
1. अज्ञेय
|
हरी घास पर छण भर
|
2. मुक्तिबोध
|
चाँद का मुँह टेढ़ा
है
|
3. धर्मवीर भारती
|
अंधायुग
|
4. गिरिजाकुमार माथुर
|
धूप के धान
|
प्रश्न 17.नई कविता किसे कहते हैं? इसके दो कवियों के नाम
तथा उनकी रचनाएँ लिखिए |
उत्तर- प्रयोगवादी
कविता के बाद की कविता को नई कविता की श्रेणी में रखा गया है | यह कविता स्वतंत्रता
के बाद लिखी गई कविता है, जिसमें नवीन भावबोध, नव मूल्य तथा नूतन शिल्प विधान का
पुट है | यह मानव मन में व्याप्त कुंठा, संत्रास, एवं मृत्युबोध का मनोवैज्ञानिक
विश्लेष्ण प्रस्तुत करती है |
नई कविता नई के दो कवियों
के नाम तथा उनकी रचनाएँ-
कवियों के नाम
|
रचनाएँ
|
1. भवानी
प्रसाद मिश्र
|
सन्नाटा, चकित है दुःख
|
2. कुंवर
नारायण
|
चक्रव्यूह, आमने-सामने
|
प्रश्न 18. नई कविता की चार विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- नई कविता की चार विशेषताएँ-
1. लघु मानव वाद की
प्रतिष्ठा – इस काल की कविता में लघु मानव वाद प्रतिष्ठित
हुआ है।
2. प्रयोगों में नवीनता –नवीन भावों को नूतन शिल्प
विधानों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
3. अनुभूतियों का वास्तविक
चित्रण – इस काल की कविता में मानव एवं समाज दोनों की अनुभूतियों का वास्तविक चित्रण
किया है।
4. व्यग्य प्रधान रचनाएँ
- इस काल में मानव जीवन की विसंगतियों, विकृतियों,अनुपयोगी
मान्यताओं पर आधारित व्यंग्य रचनाएँ लिखी गईं हैं। प्रश्न 19 नवगीत किसे कहते हैं? प्रमुख नवगीतकारों के नाम तथा उनकी रचनाएँ लिखिए ।
उत्तर- कविता के प्रति पाठकों की बढ़ती उदासीनता को कवियों और गीतकारों ने अनुभव किया । इसलिए उन्होंने अपनी रचनाओं में गीतों की छन्दसत्ता, लय-ताल और आँचलिक बोली की मधुरता को समावेशकहने का निश्चय किया। समकालीन संवेदना,शोषण और उत्पीडन को विषय बनाए रखने की प्रतिबध्दता बनाए रखी। नई कविता की तरह उन्होंने परम्परा- विरोध को नहीं पाला, अपितु परंपरा में जो भी ठीक और सुंदर समझा, उसे स्वीकार किया । इसी को गीत विकास के रूप में नवगीत कहते हैं । नवगीत को नई कविता और गीत की संकर सृष्टि भी कहा जाता है।
नवगीतकारों के नाम तथा उनकी रचनाऍं
नवगीतकार
|
रचनाएँ
|
सोम ठाकुर
|
एक ऋचा पाटल की
|
शम्भूनाथ सिंह
|
दर्द जहाँ नीला है, नवगीत दशक
|
रमानाथ अवस्थी
|
बंद न करना द्वार
|
प्रश्न 19 नवगीत की विशेषताएँ लिखिए तथा प्रमुख नवगीतकारों के नाम तथा उनकी रचनाएँ लिखिए ।
उत्तर - डॉ. रामदरश मिश्र ने नवगीत के बारे में लिखा है कि " अनुभूति की सच्चाई, नवीन सौंदर्य बोध, आकार लघुता, नवीन बिम्ब, प्रतीक, उपमान योजना इसकी सामान्य विशिष्टता है। इन सभी गीतों में लोक जीवन का रस है।
नवगीत की विशेषताएँ -
1. वर्त्तमान विसंगतियों का चित्रण
2. नवीन प्रतीक एवं बिम्ब योजना
3. जनभाषा का प्रयोग
4. नवीन सौन्दर्य बोध
5. लोक जीवन की अभियक्ति
6. नवीन उपमान योजना
Tqsm sir
जवाब देंहटाएंmjaa agya yr.
जवाब देंहटाएंtq
bahut hi achha hai
जवाब देंहटाएंThank sir jee
जवाब देंहटाएंBahot achha
N i c e
Must
Mistake h mahadevi verma g ka clear kre .Pehle to ap n rahisyawad k kaviyon m unka nm likha h fir chhayavad m bi .
जवाब देंहटाएंNice thanks for this sir
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