प्रत्यय
परिभाषा
वे शब्दांश जो शब्दों के अन्त में जुड़ते हैं , उनके जुड़ने से शब्दों के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है, प्रत्यय कहलाते हैं।
दूसरे शब्दों में - जो शब्दांश शब्दों के बाद जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता ला देते हैं, प्रत्यय कहे जाते हैं। प्रत्यय का प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं किया जाता।
इस प्रकार प्रत्यय में चार बातें उल्लेखनीय है -
1. ये शब्दांश हैं, पूर्ण शब्द नहीं।
2. ये हमेशा शब्दों के अंत में जुड़ते हैं।
3. इनके जुड़ने से शब्दों के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है या उनके अर्थ में एक विशेषता आ जाती है।
4. इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं किया जाता क्योंकि इनका कोई अर्थ नहीं होता।
उदाहरण - 1. दूध + वाला = दूध वाला, 2. पढ़ + ता = पढ़ता
दूसरे शब्दों में - जो शब्दांश शब्दों के बाद जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता ला देते हैं, प्रत्यय कहे जाते हैं। प्रत्यय का प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं किया जाता।
इस प्रकार प्रत्यय में चार बातें उल्लेखनीय है -
1. ये शब्दांश हैं, पूर्ण शब्द नहीं।
2. ये हमेशा शब्दों के अंत में जुड़ते हैं।
3. इनके जुड़ने से शब्दों के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है या उनके अर्थ में एक विशेषता आ जाती है।
4. इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं किया जाता क्योंकि इनका कोई अर्थ नहीं होता।
उदाहरण - 1. दूध + वाला = दूध वाला, 2. पढ़ + ता = पढ़ता
स्पष्टीकरण -1. यहाँ पर मूल शब्द 'दूध' है एवं 'वाला' प्रत्यय है ,जिसके जुड़ने से 'दूधवाला' (तध्दितान्त ) नया शब्द बना।
2. यहाँ पर मूल शब्द 'पढ़' ( क्रिया ) है एवं 'ता' प्रत्यय है , जिसके जुड़ने से नया शब्द 'पढ़ता' ( कृदंत) बना।
2. यहाँ पर मूल शब्द 'पढ़' ( क्रिया ) है एवं 'ता' प्रत्यय है , जिसके जुड़ने से नया शब्द 'पढ़ता' ( कृदंत) बना।
प्रत्यय के प्रकार
प्रत्यय के मुख्यतः दो प्रकार हैं -
1. कृत प्रत्यय
2. तध्दित प्रत्यय
कृत प्रत्यय
क्रिया या धातु के अंत में लगाने वाले शब्दांश कृत प्रत्यय कहलाते हैं। इससे बनने वाले शब्द कृदंत कहलाते हैं। जैसे -
1. पढ़ (क्रिया ) + ना ( प्रत्यय) = पढ़ना ( कृदंत) ।
2. लेख् (मूल शब्द ) + क (प्रत्यय ) = लेखक ( कृदंत)
कृत प्रत्यय के अन्य उदाहरण -
1. पढ़ (क्रिया ) + ना ( प्रत्यय) = पढ़ना ( कृदंत) ।
2. लेख् (मूल शब्द ) + क (प्रत्यय ) = लेखक ( कृदंत)
कृत प्रत्यय के अन्य उदाहरण -
मूल शब्द या धातु
|
प्रत्यय
|
नया शब्द
|
पाठ्
|
अक
|
पाठक
|
कृ
|
अक
|
कारक
|
गै
|
अक
|
गायक
|
पाल्
|
अन
|
पालन
|
सह्
|
अन
|
सहन
|
ने
|
अन
|
नयन
|
चर्
|
अन
|
चरण
|
घट्
|
ना
|
घटना
|
तुल्
|
ना
|
तुलना
|
पठ्
|
अनीय
|
पठनीय
|
दृश्
|
अनीय
|
दर्शनीय
|
पूज्
|
अनीय
|
पूजनीय
|
सूख
|
आ
|
सूखा
|
इष्
|
आ
|
इच्छा
|
भिक्ष्
|
आ
|
भिक्षा
|
लड़
|
आई
|
लडाई
|
पढ़
|
आई
|
पढ़ाई
|
हर
|
इ
|
हरि
|
दशरथ
|
इ
|
दाशरथि
|
गिर
|
इ
|
गिरि
|
छल
|
इया
|
छलिया
|
बढ़
|
इया
|
बढ़िया
|
पठ्
|
इत
|
पठित
|
व्यथा
|
इत
|
व्यथित
|
फल
|
इत
|
फलित
|
हँस
|
ई
|
हँसी
|
बोल
|
ई
|
बोली
|
खुश
|
ई
|
खुशी
|
इच्छ्
|
उक
|
इच्छुक
|
कृ
|
तव्य
|
कर्तव्य
|
वच्
|
तव्य
|
वक्तव्य
|
आ
|
ता
|
आता
|
जा
|
ता
|
जाता
|
गा
|
ता
|
गाता
|
अ
|
ति
|
अति
|
शक्
|
ति
|
शक्ति
|
भज्
|
ति
|
भक्ति
|
ला
|
ते
|
लाते
|
खा
|
ते
|
खाते
|
अन्य
|
त्र
|
अन्यत्र
|
अस्
|
त्र
|
अस्त्र
|
क्रंद
|
न
|
क्रंदन
|
वंद
|
न
|
वंदन
|
खिद्
|
न
|
खिन्न
|
पढ़
|
ना
|
पढ़ना
|
लिख
|
ना
|
लिखना
|
गा
|
ना
|
गाना
|
गद्
|
य
|
गद्य
|
पद्
|
य
|
पद्य
|
विद्
|
या
|
विद्या
|
गाने
|
वाला
|
गानेवाला
|
देने
|
वाला
|
देनेवाला
|
रख
|
ऐया
|
रखैया
|
गा
|
ऐया
|
गवैया
|
डॉट
|
ऐया
|
डटैया
|
होन
|
हार
|
होनहार
|
खेवन
|
हार
|
खेवनहार
|
तध्दित प्रत्यय
वे प्रत्यय जो धातु य क्रिया को छोड़कर अन्य शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि से जुड़कर शब्दों को नया अर्थ प्रदान करते हैं, तध्दित प्रत्यय कहलाते हैं। इससे बनने वाले शब्द तध्दितांत कहलाते
जैसे -
1. सब्जी (संज्ञा) + वाला ( प्रत्यय) = सब्जीवाला (तध्दितांत )।
2. लोहा (संज्ञा ) + हार (प्रत्यय ) = लुहार ( तध्दितांत) ।
1. सब्जी (संज्ञा) + वाला ( प्रत्यय) = सब्जीवाला (तध्दितांत )।
2. लोहा (संज्ञा ) + हार (प्रत्यय ) = लुहार ( तध्दितांत) ।
शब्द
|
प्रत्यय
|
नया शब्द
|
पछताना
|
आई
|
पछताई
|
ठगना
|
आई
|
ठगाई
|
पण्डित
|
आइन
|
पण्डिताइन
|
ठाकुर
|
आइन
|
ठकुराइन
|
चतुर
|
आई
|
चतुराई
|
चौड़ा
|
आई
|
चौड़ाई
|
सेठ
|
आनी
|
सेठानी
|
नौकर
|
आनी
|
नौकरानी
|
जवान
|
आनी
|
जवानी
|
पंच
|
आयत
|
पंचायत
|
बहुत
|
आयत
|
बहुतायत
|
लोहा
|
आर
|
लुहार
|
सोना
|
आर
|
सुनार
|
घबरा
|
आहट
|
घबराहट
|
चिकना
|
आहट
|
चिकनाहट
|
कूट
|
इल
|
कुटिल
|
जटा
|
इल
|
जटिल
|
धूम
|
इल
|
धूमिल
|
बल
|
इष्ठ
|
बलिष्ठ
|
गुरु
|
इष्ठ
|
गरिष्ठ
|
वर
|
इष्ठ
|
वरिष्ठ
|
चम
|
क
|
चमक
|
नम
|
क
|
नमक
|
दम
|
क
|
दमक
|
गुरु
|
तर
|
गुरुतर
|
बद
|
तर
|
बदतर
|
लड़का
|
पन
|
लड़कपन
|
बच्चा
|
पन
|
बचपन
|
पा
|
बूढ़ा
|
बुढ़ापा
|
मोटा
|
पा
|
मोटापा
|
लेश
|
मात्र
|
लेशमात्र
|
पण्डित
|
य
|
पांडित्य
|
मधुर
|
य
|
माधुर्य
|
ग्राम
|
य
|
ग्राम्य
|
शीत
|
ल
|
शीतल
|
श्याम
|
ल
|
श्यामल
|
दया
|
लु
|
दयालु
|
कृपा
|
लु
|
कृपालु
|
रघु
|
व
|
राघव
|
लघु
|
व
|
लाघव
|
मधु
|
व
|
माधव
|
पुत्र
|
वत
|
पुत्रवत
|
मातृ
|
वत
|
मातृवत
|
पितृ
|
वत
|
पित्रवत
|
धन
|
वान
|
धनवान
|
बल
|
वान
|
बलवान
|
सोना
|
हरा
|
सुनहरा
|
दो
|
हरा
|
दुहरा
|
पानी
|
हारा
|
पनिहारा
|
लकड़ी
|
हारा
|
लकडहारा
|
Lgav
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